Sunday, July 19, 2009

'मटककली' का मोहपाश और मटुकनाथ गेट आउट...!

"मटुकनाथ, गेट आउट...!" जी हाँ, ठीक सुना आपने। पटना विश्वविद्यालय ने आखिरकार प्रोफेसर मटुकनाथ को कुछ ऐसा ही फरमान सुनाया है और विश्वविद्यालय से बाहर का रास्ता दिखा दिया। विश्वविद्यालय में शनिवार को हुई सिंडिकेट की बैठक में सर्वसम्मति से प्रोफेसर चौधरी को बर्खास्त करने का निर्णय लिया गया। मटुकनाथ चौधरी पटना विश्वविद्यालय के बी. एन. कॉलेज में हिंदी के प्रोफेसर थे। करीब छह साल पहले मटुकनाथ तब सुर्खियों में आए थे, जब प्रोफेसर साहब की पत्नी ने उन्हें और उनकी प्रेमिका व छात्रा जूली को रंगे हाथ रासलीला करते पकड़ लिया था। जिसके बाद मटुकनाथ और उनकी प्रेमिका जूली की सरेआम धुनाई हुई थी। बाद में उन्हें निलंबित भी कर दिया गया था।
फिलहाल प्रोफेसर साहब की छुट्टी तो हो गई, लेकिन एक अहम् सवाल अभी भी मुंह बाये खड़ा है। देश के अन्य शैक्षणिक संस्थानों के रंगीन मिजाज अध्यापकों को कौन ठिकाने लगाएगा ? ऐसे ही तमाम 'मटुकनाथ' और उनकी 'मटककली' का नैन-मटक्का आख़िर कौन रोकेगा ? साथ ही, भोली-भाली छात्राओं का यौन उत्पीड़न करने वालों को भी दुरुस्त करने का वक़्त आ गया है। कभी रिसर्च के नाम पर, तो कभी अच्छे नंबर दिलाने का झांसा देने वालों अध्यापकों, अब तो सुधर जाओ... नहीं तो ऐसी ही किसी 'मटककली' का मोहपाश एक दिन तुम्हें भी ले डूबेगा...!

3 comments:

समयचक्र said...

क्या बात है मटक कली के चक्कर में प्रोफेसर साहिब उलझ गए और उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है .

अविनाश वाचस्पति said...

डूबे तो यह पहले ही हुए हैं
होश में इन्‍हें लाएं तो किस तरह
आजमा लिए हैं इन पर हर हुनर
पर ये हैं जनाब बहुत बेशर्म नर।

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून said...

ये सब मट्टक्कलियों के अपने संस्कारों पर भी निर्भर करता है कि यदि मटुकों का व्यवहार असह्य लगे तो उन्हें दिन का तारे दिखाने में देर न करें.