Monday, June 29, 2009

माइकल के लिए "मच-मच" क्यों ?

पॉप संगीतकार माइकल जैक्सन की मौत क्या हो गई... ऐसा लगा मानो दुनिया भर के लोगों पर पहाड़ टूट पड़ा हो। देश भर के सभी बड़े टीवी चैनलों ने पहले तो उसकी मौत की ख़बर को चिल्ला-चिल्ला कर बताया-दिखाया... और उसके बाद भी कईयों का पेट नहीं भरा तो अब वो माइकल की मौत की गुत्थी सुलझाने में लगे हैं। सवाल ये है कि आख़िर माइकल जैक्सन की मौत से हमें क्या लेना-देना ??? किसी ने कहा कि सब टीआरपी का चक्कर है। लेकिन मुझे बात जंची नहीं। आख़िर दिल्ली के सीलमपुर या फिर मुंबई के धारावी की झुग्गियों में रह कर दो जून की रोटी के लिए "संघर्ष" करने वाले एक आम हिन्दुस्तानी को क्या पड़ी है कि वो माइकल जैक्सन के ज़िन्दगी के तमाम पहलुओं पर गौर करे ! उसकी मौत पर चीखे-चिल्लाये। या फिर टीवी के सामने बैठकर घंटों टीवी जगत के "शर्लोक होम्स" की तफ्तीश पर दिमाग खपाए।
मैं कुछ सोच ही रहा था कि आरुषि की याद आ गई। बेचारी आरुषि... जिसकी मौत एक मिस्ट्री ही बन गई है। और माइकल की मौत भी तो एक मिस्ट्री बनती जा रही है। मुझे अपने सवाल का जवाब मिल गया था।

2 comments:

Ansh Gupta said...

ek dum sahi baat hai......lekin ye TV channels ko koi kaam hi nhi hai.....ye to bus india ki achhi news ko dabate hai or kisi baahar ki chhoti se news ko international banaa dete hai.....

Udan Tashtari said...

विश्व भर में करोड़ों दिलों पर राज करने वाले पॉप सम्राट को नहीं दिखायें तो क्या आपको और हमें दिखायेंगे.

भाई, उसकी पापुलरटी का ग्राफ देख लो..इस तरह सोचोगे तो फिर तो चल चुकी दुनिया...

यह कोई छोटी सी खबर नहीं और न ही किसी रुप में आरुषि की खबर को कमतर करती है.

अन्यथा न लें, मैने सिर्फ अपनी सोच कही है. आपकी स्वतंत्र सोच है.