संसद में आज वो हुआ.. जो आमतौर पर कम ही होता है.. आज पहली बार मनमोहन सिंह का मिज़ाज शायराना नज़र आया.. इतना ही नहीं.. सुषमा स्वराज भी कुछ इसी मूड में थीं.. तभी तो दोनों के बीच शेरो-शायरी का जवाबी मुकाबला हो गया.. सुषमा स्वराज ने प्रधानमंत्री की कार्यशैली पर निशाना साधते हुए कहा कि- ‘तू इधर-उधर की बात न कर, ये बता के कारवां क्यों लुटा; मुझे रहजनों से गिला नहीं, तेरी रहबरी का सवाल है..’ लेकिन प्रधानमंत्री जी भी कोई हल्के तीरअन्दाज़ नहीं निकले.. वो पहले मुस्कुराए.. और फिर सुषमा स्वराज से बोले- मैं भी एक शेर कहना चाहता हूं.. इस पर जैसे ही सुषमा ने इरशाद बोला.. मनमोहन ने तुरंत एक जवाबी शेर पढ़ा- 'माना के तेरी दीद के काबिल नहीं हूं मैं, तू मेरा शौक तो देख, मेरा इंतजार देख..’ प्रधानमंत्री की इस हाजिर जवाबी ने आज संसद के तनावपूर्ण माहौल में कुछ देर के लिए तो मुलायमियत ला ही दी.. साथ ही संसद भवन से कई मील दूर टीवी चैनलों के दफ्तर में बैठे लोगों को भी गुदगुदा दिया.. लेकिन अफसोस इस बात का है कि टीवी चैनलों में क्रिकेट की लगातार कवरेज के आगे मनमोहन सिंह के इस शायराना अन्दाज़ को सुर्खियां तो मिली.. लेकिन वो परवान नहीं चढ़ पाया..
Wednesday, March 23, 2011
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