Tuesday, June 17, 2008

मित्रों के बीच... मैं भी



मित्रों,

कुछ लिखते रहने की इच्छा, कई ब्लॉगर साथियों की प्रेरणा और मन में निरंतर उमड़ते- घुमडते अपने विचारों को कलमबद्ध करने की इच्छा बलवती हुई, तो एक ब्लॉग शुरू करने का मन बना डाला। कई दिनों की कोताही, कुछ नया न लिख पाने की विवशता और चैनल की आपाधापी ने इस कार्य में यथासंभव बाधा भी डाली. पर जो सोचा था, वो तो करना ही था. बहरहाल, मैं आप सब के बीच हूँ और मेरा ब्लॉग आपके सामने है... शुभाषीश और यथोचित सहयोग का आकांक्षी हूँ और रहूँगा...।

3 comments:

Sandeep Singh said...

भाई बहुत-बहुत बधाई। देर आए मगर दुरुस्त आए। चेहरे पर तेज, भाषा में तेवर और ब्लॉग का मकम्मल कलेवर इसकी हकीकत बयां करता है।

sunil kaithwas said...

abhinav bhai bahut badhai aapko ek nayi aur nek shuvaat ki, sandeep sir badhai sandesh ke sath sath kuch aur ki aasha rahti hai aapse.....

Batangad said...

स्वागत है